सेना के इतिहास में पहली बार दो क्लासमेट के हाथों में होगी थल और नौसेना की कमान, 5वीं से हैं दोस्त – first time in history of military command of Army and Navy to be in hands of two classmates ntc – MASHAHER

ISLAM GAMAL29 June 2024Last Update :
सेना के इतिहास में पहली बार दो क्लासमेट के हाथों में होगी थल और नौसेना की कमान, 5वीं से हैं दोस्त – first time in history of military command of Army and Navy to be in hands of two classmates ntc – MASHAHER


भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार दो क्लासमेट, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, भारतीय सेना और नौसेना के प्रमुख होंगे. मध्य प्रदेश के सैनिक स्कूल रीवा से आने वाले, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और नामित सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 1970 के दशक की शुरुआत में 5वीं क्लास में एक साथ पढ़ते थे.

दोनों अधिकारियों के रोल नंबर भी एक-दूसरे के आसपास थे. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल त्रिपाठी का 938 था. स्कूल के दिनों से ही दोनों काफी अच्छे दोस्त हैं और सेना के अलग-अलग अंगों में होने के बावजूद वे हमेशा संपर्क में रहते हैं.

एडमिरल ने 1 मई को संभाली थी कमान

दोनों अधिकारियों को जानने वाले एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि सेना में वरिष्ठ नेतृत्व के बीच मजबूत दोस्ती सेनाओं के बीच कामकाजी संबंधों को मजबूत करने में बहुत मायने रखती है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने एक ट्वीट में कहा, ‘दो प्रतिभाशाली छात्रों को प्रशिक्षित करने का यह दुर्लभ सम्मान, जो 50 साल बाद अपनी-अपनी सेनाओं का नेतृत्व करेंगे, मध्य प्रदेश के रीवा के सैनिक स्कूल को जाता है.’

दोनों सहपाठियों की नियुक्तियां भी लगभग दो महीने के अंतर पर एक ही समय में हुई हैं. एडमिरल ने 1 मई को भारतीय नौसेना की कमान संभाली थी, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी रविवार को अपनी नया पदभार संभालेंगे.

नए आर्मी चीफ को जानें

बता दें कि वर्तमान में उप सेनाध्यक्ष के पद पर कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 30 जून, 2024 को अपना नया पदभार ग्रहण करेंगे और जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे, जो रिटायर होने वाले हैं. सेना के उप प्रमुख का पदभार ग्रहण करने से पहले वह 2022 से 2024 तक उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) थे. 

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को 1984 में 18 जम्मू और कश्मीर (J&K) राइफल्स में कमीशन दिया गया था. इसके बाद उन्होंने इस यूनिट की कमान संभाली. जनरल ऑफिसर को उत्तरी और पश्चिमी दोनों थिएटरों के संतुलित अनुभव का अनूठा गौरव प्राप्त है. उत्तरी सेना कमांडर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में गतिशील आतंकवाद विरोधी अभियानों को संचालित करने के अलावा, उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर अभियानों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और परिचालन निगरानी प्रदान की. 

चीन के साथ वार्ता में शामिल

वह चीन के साथ विवादित सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चल रही बातचीत में सक्रिय रूप से शामिल थे. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को यू.एस. आर्मी वॉर कॉलेज, कार्लिस्ले, यू.एस.ए. में नेशनल डिफेंस कॉलेज के समकक्ष पाठ्यक्रम में ‘विशिष्ट फेलो’ से सम्मानित किया गया. उनके पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम.फिल. के अलावा सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं.


Source Agencies

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