आचार्य चाणक्य के अनुसार, दूसरों के सामने बेटे की तारीफ करना आत्म-प्रशंसा जैसा ही है जो मनुष्य को मजाक का पात्र बना सकती है.
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आचार्य चाणक्य के अनुसार, दूसरों के सामने बेटे की तारीफ करना आत्म-प्रशंसा जैसा ही है जो मनुष्य को मजाक का पात्र बना सकती है.
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