बांग्लादेश की बगावत के पीछे अमेरिकी गेम… शेख हसीना के बेटे किस ओर इशारा कर रहे? – Bangladesh Chaos Sheikh Hasina son Sajeeb Wazed said may be america or Pakistan is behind it tlifwr – MASHAHER

ISLAM GAMAL6 August 2024Last Update :
बांग्लादेश की बगावत के पीछे अमेरिकी गेम… शेख हसीना के बेटे किस ओर इशारा कर रहे? – Bangladesh Chaos Sheikh Hasina son Sajeeb Wazed said may be america or Pakistan is behind it tlifwr – MASHAHER


बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हो गया है. शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने अपनी मां को सत्ता से हटाए जाने के पीछे बाहरी शक्तियों का हाथ होने की बात कही है. उन्होंने संकेत दिए हैं कि बांग्लादेश में जो स्थिति बनी है, उसके पीछे अमेरिकी गेमप्लान हो सकता है. उन्होंने इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की भी आशंका जताई है.

आजतक से बातचीत में सजीब वाजेद ने कहा, ‘मैं बता तो नहीं सकता कि ये किसने किया है लेकिन हमारा संदेह है कि इसके पीछे पाकिस्तान या अमेरिका हो सकते हैं. कौन जानें…. पाकिस्तान तो ऐसा करेगा ही क्योंकि वो नहीं चाहता कि बांग्लादेश में मजबूत सरकार बने. वो पूरब की तरफ से भारत को परेशान करना चाहता है.’

अमेरिका की बात करते हुए शेख हसीना के बेटे ने आगे कहा, ‘अमेरिका मजबूत सरकार नहीं चाहता, वो बांग्लादेश में कमजोर सरकार चाहता है. वो एक ऐसी सरकार चाहता है जिसे नियंत्रित कर सके और वो शेख हसीना को नियंत्रित नहीं कर पाए.’

क्या कह रहे विश्लेषक?

बांग्लादेश में आज जो हालात बने हैं, उसकी शुरुआत भले ही सरकारी नौकरियों में स्वतंत्रता संग्राम के परिजनों को आरक्षण दिए जाने को लेकर हुई थी लेकिन आज आंदोलन ने जो विकराल रूप लिया है, उसे देखते हुए कई जाने-माने विश्लेषक भी ऐसा मान रहे हैं कि इसके पीछे कोई बाहरी शक्ति है.

जाने-माने रणनीतिक विश्लेषक ब्रह्म चेलानी ने एक लेख लिखा है जिसमें उन्होंने कयास लगाए हैं कि बांग्लादेश की स्थिति के पीछे अमेरिका का हाथ हो सकता है.

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपने लेख को शेयर करते हुए कमेंट किया, ‘एक धर्मनिरपेक्ष सरकार का नेतृत्व करते हुए, जिससे इस्लामवादी नफरत करते थे, हसीना ने बांग्लादेश को तेजी से आर्थिक विकास दिया. लेकिन शक्तिशाली बाहरी ताकतें उनके खिलाफ खड़ी थीं. तीस्ता परियोजना भारत को देने के उनके फैसले से चीन नाराज हो गया. और, दुख की बात है कि बाइडेन भी उनके पीछे पड़ गए थे.’

‘दुनिया के सातवें सबसे अधिक आबादी वाले देश को धमकाना…’

ब्रह्म चेलानी ने Nikkei Asia के लिए जो लेख लिखा है, उसमें वो कहते हैं, ‘बांग्लादेश ने प्रभावशाली विकास किया है जो राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक उथल-पुथल से जूझ रहे डिफॉल्ट की कगार पर खड़े पाकिस्तान की स्थिति से बिल्कुल विपरित है. फिर भी बांग्लादेश को 2021 में और इस साल की शुरुआत में बाइडेन की तरफ से आयोजित लोकतंत्र शिखर सम्मेलन से बाहर रखा गया था जबकि पाकिस्तान को दोनों बार आमंत्रित किया गया था, हालांकि वह इसमें शामिल नहीं हुआ था.’

ब्र्ह्म चेलानी लिखते हैं कि पिछले महीने शेख हसीना वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बातचीत करने अमेरिका गई थीं जिस दौरान बाइडेन प्रशासन से कोई भी उनसे मिलना नहीं आया. उन्होंने लिखा कि बांग्लादेश में हुए चुनाव पर भी अमेरिका ने सवाल उठाए थे. अमेरिका ने कहा था कि बांग्लादेश के आम चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे.

ब्रह्म चेलाना ने लिखा, ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को बढ़ावा देने में मदद करने से दूर, दुनिया के सातवें सबसे अधिक आबादी वाले देश को धमकाना, इस बात की दर्दनाक यादों को फिर ये याद दिलाता है कि कैसे 1971 में जब पाकिस्तानी सेना ने 30 लाख लोगों का कत्लेआम किया तब अमेरिका ने उसी का साथ दिया था. अमेरिका अब क्या चाहता है?’


Source Agencies

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Comments Rules :

Breaking News