इस खिलाड़ी को अफगान महिलाओं की आवाज उठाना पड़ा भारी, Olympic में हुई डिस्क्वालिफाई – olympics Athlete Disqualified for Displaying Free Afghan Women tstf – MASHAHER

ISLAM GAMAL10 August 2024Last Update :
इस खिलाड़ी को अफगान महिलाओं की आवाज उठाना पड़ा भारी, Olympic में हुई डिस्क्वालिफाई – olympics Athlete Disqualified for Displaying Free Afghan Women tstf – MASHAHER


15 अगस्त 2021 को, जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जा किया, तभी से महिलाओं की जिंदगी मुश्किलों में घिर गई. तालिबान ने महिलाओं की आजादी पर कई कठोर प्रतिबंध लगाए, जिनके खिलाफ कई महिला संगठनों ने आवाज उठाई. लेकिन अफगानिस्तान की एक एथलीट ने इस संघर्ष को दुनिया के सामने लाने के लिए ओलंपिक जैसा बड़ा मंच चुना.

‘अफगान महिलाओं को आजाद करो’

अफगानिस्तान की पहली महिला ब्रेकडांसर मनिजा तलाश ने पेरिस ओलंपिक 2024 में शरणार्थी ओलंपिक टीम की सदस्य के तौर में शामिल हुईं. ब्रेकिंग रूटीन के दौरान, उन्होंने अपने हल्के नीले स्कार्फ पर बड़े सफेद अक्षरों में ‘अफगान महिलाओं को आजाद करो’ लिखकर तालिबान शासन के तहत महिलाओं की दुर्दशा पर दुनिया का ध्यान खींचने की कोशिश की.

हालांकि, पेरिस ओलंपिक के सख्त नियमों का उल्लंघन करने के वजह से मनीजा को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया.उनका मुकाबला नीदरलैंड की इंडिया सार्डजो के खिलाफ था, लेकिन अपनी इस कोशिश का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा.

क्या कहता है ओलंपिक खेलों का नियम

वर्ल्ड डांसस्पोर्ट फेडरेशन ने बयान में कहा कि मनीजा तलाश को अपने परिधान पर राजनीतिक नारा प्रदर्शित करने के कारण अयोग्य घोषित किया गया. ओलंपिक चार्टर के नियम 50 के तहत, किसी भी ओलंपिक स्थल या क्षेत्र में राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय प्रचार की अनुमति नहीं है.

सोशल मीडिया पर मिला साथ

मनीजा को सोशल मीडिया पर भी साथ मिला लोग उनके पक्ष में पोस्ट भी किये.

कौन हैं मनीजा तलाश

मनीजा मूल रूप से काबुल की रहने वाली हैं. तालिबान के सत्ता में आने के बाद उन्होंने अफगानिस्तान छोड़कर स्पेन में शरण ली. पेरिस ओलंपिक में, उन्होंने अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना पूरा किया. साथ ही वे अफगान महिलाओं की आवाज़ बनकर दुनिया के सामने आईं.


Source Agencies

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