हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट, SEBI चेयरमेन और अडानी ग्रुप के बीच बताया कनेक्शन – Hindenburg Research new claim SEBI chief had stake in obscure offshore entities linked to Adani group ntc – MASHAHER

ISLAM GAMAL11 August 2024Last Update :
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट, SEBI चेयरमेन और अडानी ग्रुप के बीच बताया कनेक्शन – Hindenburg Research new claim SEBI chief had stake in obscure offshore entities linked to Adani group ntc – MASHAHER


अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) एक बार फिर सुर्खियों में है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने खुलासे में दावा किया है कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से पता चला है कि SEBI चेयरमेन की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट किया था. इसमें एक भारतीय कंपनी से जुड़े एक और बड़े खुलासे का संकेत दिया गया था. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने पोस्ट में लिखा था, “भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है”.

शनिवार शाम को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक और पोस्ट करते हुए अपनी वेबसाइट पर इस खुलासे दावा करते हुए इससे संबंधित रिपोर्ट शेयर की. हिंडनबर्ग ने इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और SEBI चीफ के बीच लिंक होने का दावा किया है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि व्हिसलब्लोअर से मिले दस्तावेजों से पता चलता है जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की हिस्सेदारी थी. 

हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट में व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए लिखा है कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना खाता खोला. आईआईएफएल के एक प्रिंसिपल द्वारा हस्ताक्षरित फंड की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत सैलरी है और दंपति की कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर आंका गया है.

हिंडनबर्ग का आरोप है कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है.

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘उसने इससे पहले यह नोटिस किया था कि नियामक द्वारा हस्तक्षेप के जोखिम के बाद भी अडानी समूह ने पूरे विश्वास के साथ अपने काम को जारी रखा था. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और अडानी समूह के बीच कोई संबंध है.

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बता दें कि जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अरबपति गौतम अडानी द्वारा नियंत्रित अडानी ग्रुप को टारगेट करते हुए एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की थी. इसके बाद अडानी समूह के शेयरों में करीब $86 बिलियन की गिरावट आ गई थी. शेयर की कीमत में इस भारी गिरावट ने बाद में समूह के विदेश में सूचीबद्ध बॉन्ड में भारी बिक्री दर्ज की गई थी. साथ ही सेबी ने भी हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया था.

हिंडनबर्ग के आरोपों को निराधार बताया
न्यूज एजेंसी के अनुसार, सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति ने शनिवार को हिंडनबर्ग के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि उनका फाइनेंस एक खुली किताब है. माधबी पुरी बुच और धवल बुच ने एक बयान में यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसने उसी के जवाब में चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प चुना है.

माधबी बुच ने कहा, ‘हमारे खिलाफ 10 अगस्त, 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के संदर्भ में हम यह कहना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं.’

बयान में कहा गया है, ‘इनमें कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है. सभी आवश्यक खुलासे पिछले कुछ वर्षों में सेबी को पहले ही दिए जा चुके हैं.’

बुच ने आगे कहा कि उन्हें किसी भी अधिकारी के समक्ष सभी वित्तीय दस्तावेज प्रकट करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, जिनमें उस समय के दस्तावेज भी शामिल हैं जब हम पूरी तरह से निजी नागरिक थे.

उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, पूर्ण पारदर्शिता के हित में, हम यथासमय एक डिटेल स्टेटमेंट जारी करेंगे.’

नोट: आजतक ने आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए SEBI से संपर्क किया है, और जवाब मिलने पर रिपोर्ट को उसके अनुसार अपडेट किया जाएगा.


Source Agencies

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