DRDO ने बनाई भारतीय सेना के लिए नई बख्तरबंद गाड़ी WhAP, आनंद महिंद्रा ने की तारीफ – DRDO and Mahindra Defence Unveil Wheeled Armoured Platform for Indian Army Anand mahindra praises – MASHAHER

ISLAM GAMAL15 August 2024Last Update :
DRDO ने बनाई भारतीय सेना के लिए नई बख्तरबंद गाड़ी WhAP, आनंद महिंद्रा ने की तारीफ – DRDO and Mahindra Defence Unveil Wheeled Armoured Platform for Indian Army Anand mahindra praises – MASHAHER


भारतीय सेना के लिए डीआरडीओ और महिंद्र डिफेंस ने मिलकर नया स्वदेशी बख्तरबंद कॉम्बैट व्हीकल बनाया है. यह एक व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) है. इससे पहले सेना ने टाटा की ओर से बनाए गए 18 व्हाप वाहन लिए थे. इस बार संभावना है कि ज्यादा मात्रा में ये कॉम्बैट व्हीकल लिए जाएं. इसलिए महिंद्रा की WhAP का ट्रायल चल रहा है. 

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आनंद महिंद्रा ने अपने एक्स (ट्वीट) में लिखा है कि मुझे इस बात का गर्व है कि महिंद्रा डिफेंस डीआरडीओ के साथ मिलकर वर्ल्ड क्लास प्रोडक्ट बनाता है. उनका विकास करता है. ये व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) का केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर (CBRN) वैरिएंट है. यह कई तरह के एंफिबियस ऑपरेशन में भाग ले सकता है. 

इसकी डिजाइन कॉम्पैक्ट है. इसमें 600 हॉर्स पावर का डीजल इंजन लगा है. ये बेहद ऊंचाई वाले स्थानों पर भी ऑपरेशन कर सकता है. इसमें सुरक्षा की नई तकनीक जोड़ी गई है. इसके अंदर हथियारों के साथ कुल 11 लोग बैठ सकते हैं. आप नीचे दिए गए वीडियो में पानी के अंदर इसके चलने की क्षमता देख सकते हैं. 

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दूसरे वीडियो में आप इसके सड़क पर चलने की ताकत देख सकते हैं. यह हिमालय की ऊंचाई पर भी बेहतरीन काम कर सकता है. यह 8×8 पहियों वाला बख्तरबंद वाहन है. बस वर्जन थोड़ा बदला हुआ है. मुझे उम्मीद है कि जल्द ही सेना में इसे शामिल किया जाएगा. 

खासियत … रिमोट से चलने वाली मशीन गन लगी होगी

इसका ट्रांसमिशन ऑटोमैटिक है. सड़क पर यह अधिकतम 95 km/hr की स्पीड से भाग सकती है. इसकी रेंज अधिकतम 500 किलोमीटर (मैदानी इलाकों में) है. इसकी सुरक्षा के लिए बैलिस्टिक STANAG-2, ब्लास्ट STANAG-1 लगाया गया है. ताकि दुश्मन के कई तरह के हमलों से सैनिकों को बचा सके. 

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इसमें 7.62 मिलिमीटर की RCWS यानी रिमोट कंट्रोल्ड वेपन स्टेशन लगा रहेगा. यानी भारी मशीन गन. जिसे गाड़ी के अंदर बैठा सैनिक रिमोट से ही चला लेगा. उसे बाहर निकल कर दुश्मन पर निशान लगाने की जरूरत नहीं. इससे उसकी जान को भी खतरा नहीं होगा. 

यह नर्व, ब्लिस्टर, ब्लड, चोकिंग जैसे केमिकल अटैक से भी सैनिकों को बचा लेगा. बैक्टीरिया, वायरस, फंगी और बायो टॉक्सिन जैसे बायोलॉजिकल हमले से भी बचाएगा. रेडिएशन और न्यूक्लियर हमले में जवानों को गामा किरणों से बचाएगा. इसका सस्पेंशन हाइड्रोन्यूमेटिक है. CBRN डिटेक्टशन किट 2 किलोमीटर दूर से ही हमले का पता कर लेगा. वाहन के अंदर ही ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन लगा है. एडवांस्ड लैंड नेविगेशन सिस्टम लगा है. 




Source Agencies

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