बढ़िया काम के लिए नेशनल अवॉर्ड न मिलने से दुखी थे पवन मल्होत्रा, अब मिली बड़ी जीत – pavan malhotra wins best supporting actor national award for haryanvi film fouja when actor talked about not winning tmovp – MASHAHER

ISLAM GAMAL16 August 2024Last Update :
बढ़िया काम के लिए नेशनल अवॉर्ड न मिलने से दुखी थे पवन मल्होत्रा, अब मिली बड़ी जीत – pavan malhotra wins best supporting actor national award for haryanvi film fouja when actor talked about not winning tmovp – MASHAHER


70वें नेशनल अवार्ड्स के विजेताओं का ऐलान हो चुका है. इस बार एक्टर पवन मल्होत्रा ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड अपने नाम कर लिया है. हरियाणवी फिल्म ‘फौजा’ में अपने काम के लिए पवन ने इस अवॉर्ड को जीता है. ये एक्टर के लिए बड़ी जीत है. कई बार पवन अपनी फिल्मों को नेशनल अवॉर्ड मिलने के बारे में बात कर चुके हैं. उन्होंने आजतक.इन संग बातचीत में कहा था कि कैसे उनकी दो फिल्मों को नेशनल अवॉर्ड मिले हैं, लेकिन उन्हें कभी अपने काम के लिए ये बड़ा अवॉर्ड नहीं मिला. इस बात से उन्हें निराशा भी होती है.

नेशनल अवॉर्ड न मिलने से दुखी

पवन मल्होत्रा को पहली बार टीवी शॉर्ट फिल्म फकीर (1998) में अपने काम के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था. ये नॉन-फीचर कैटेगरी थी. इसके बाद उनकी फिल्म ‘बाघ बहादुर’ और ‘सलीम लंगड़े पे मत रो’ को नेशनल अवॉर्ड मिले. एक्टर ने दोनों फिल्मों में लीड रोल निभाए थे, लेकिन फिर भी उन्हें नेशनल अवॉर्ड नहीं मिला था. ऐसे में पवन मल्होत्रा ने इंटरव्यू में इसे लेकर बात की थी कि अवॉर्ड न मिलने पर उन्हें बुरा लगा था या नहीं.

एक्टर ने कहा, ‘बाघ बहादुर को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला और साली लंगड़े पे मत रो को भी बेस्ट हिंदी फिल्म अवॉर्ड मिला. लेकिन मुझे कोई अवॉर्ड नहीं मिला. तो जाहिर है कि एक बार को इंसान को बुरा तो लगता है. बहुत से लोग आए और उन्होंने मेरे बारे में ज्यूरी के सदस्यों से बात की. मेरे नाम पर बड़ी लड़ाई भी हो गई थी. तो मैं बस मामले को शांत करता और चीजों को वो जैसी हैं वैसा छोड़ देता था. लेकिन फिर भी मुझे लगता था कि मैंने लायक होते हुए भी नेशनल अवॉर्ड नहीं जीता.’

एक्टर ने आगे कहा, ‘लेकिन फिर मुझे आखिरकार फिल्म फकीर के लिए अवॉर्ड मिला था. फिल्म चिल्ड्रन ऑफ वॉर के लिए मुझे फ्रांस में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था. फिर मुझे एक तेलुगू फिल्म के लिए बहुत से अवॉर्ड्स मिले. लेकिन बॉम्बे में मुझे कोई अवॉर्ड नहीं मिला. ईमानदारी से कहूं तो मुझे बॉम्बे अवॉर्ड्स की कोई खास चिंता नहीं है. मैं अपनी फिल्म के 200 करोड़ कमाने के बारे में नहीं सोचता हूं. मुझे इस बात से ज्यादा फर्क पड़ता है कि मेरी जिंदगी सहज और शांति है या नहीं, जिससे मैं भगवान की दया से अच्छी फिल्में कर पाऊं. और मैं उन्हें अच्छे से कर सकूं. मैं एक फिल्म शुरू करने से पहले भगवान से दुआ मांगता हूं, क्योंकि मुझे नर्वस फील होता है. मैं चाहता हूं कि मैं अच्छा परफॉर्म करूं.’

अब पवन मल्होत्रा का नेशनल अवॉर्ड जीतने का सपना पूरा हो गया है. उन्हें लीड एक्टर का न सही, लेकिन बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिल गया है. एक्टर की हरियाणवी फिल्म ‘फौजा’ के खूब चर्चे हो रहे हैं. ‘फौजा’ ने बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर और बेस्ट लीरिक्स कैटेगरी में भी नेशनल अवॉर्ड जीता है.


Source Agencies

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