यूक्रेन ने पेश किया लंबी दूरी की नेप्च्यून मिसाइल का वैरिएंट, जिसने उड़ाया था रूस का जंगी जहाज… जानिए ताकत – Ukraine Unveils Upgraded R 360 Neptune Cruise Missile with Land Attack Capability – MASHAHER

ISLAM GAMAL20 August 2024Last Update :
यूक्रेन ने पेश किया लंबी दूरी की नेप्च्यून मिसाइल का वैरिएंट, जिसने उड़ाया था रूस का जंगी जहाज… जानिए ताकत – Ukraine Unveils Upgraded R 360 Neptune Cruise Missile with Land Attack Capability – MASHAHER


यूक्रेन की नई R-360 नेपच्यून मिसाइल का इस्तेमाल रूस के कुर्स्क इलाके में किया. इस मिसाइल से एक हथियार डिपो को उड़ाया गया. इसी के साथ यूक्रेन ने नए नेपच्यून क्रूज मिसाइल को दुनिया के सामने पेश कर दिया. इस मिसाइल ने रूसी एयर डिफेंस सिस्टम को भी फेल किया है. इस मिसाइल ने अपना कमाल 2022 में ही दिखा दिया था. लेकिन इसे अब सबके सामने लाया गया है.

इस मिसाइल को विकसित किया गया था साल 2018 में. इसे कीव में लुच डिजाइन ब्यूरो ने बनाया था. यह एक एंटी-शिप मिसाइल थी. जिसकी रेंज पहले 280-300 किलोमीटर थी. यह मिसाइल 900 km/hr की गति से टारगेट की तरफ बढ़ती है. यह मिसाइल 10 से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ सकती है. इसलिए इसे राडार नहीं पकड़ पाते. 

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दुश्मन के राडार की नजर में आने से ठीक पहले ये मिसाइल तीन मीटर नीचे खिसक उड़ने लगती है. नेपच्यून मिसाइल के बारे में लोगों को तब पता चला कि अप्रैल 2022 में इसी मिसाइल ने काला सागर में रूसी गाइडेड मिसाइल क्रूजर मोस्क्वा को डुबोया था. यूक्रेन चाहता है कि वो इस मिसाइल की रेंज को 1000 km कर दे. 

इन मिसाइलों से बचने के लिए रूस ने लगाए दो-दो एयर डिफेंस सिस्टम

रूस ने इस मिसाइल से बचने के लिए देश में कई जगहों पर S-400 और Buk-M3 एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर रखा है. इसके अलावा रूस ने 40 V6MD लो-अल्टीट्यूड डिटेक्टशन टॉवर्स लगा रहा है. ये सिर्फ 38.8 मीटर ऊंचे होते हैं. ये कम ऊंचाई पर उड़ने वाली मिसाइलों को ट्रैक करने के लिए लगाए जाने वाले राडार हैं. 

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कम ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट्स को पकड़ने के लिए नए राडार

एकदम कम ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट्स को पकड़ने के लिए Buk-M3 डिविजन को अतिरिक्त 9S36M राडार से लैस करने की बात कही जा रही है. इन्हें खास इमारतों और इलाकों में तैनात करने की योजना है. साथ ही पेट्रोलिंग करने वाले सुखोई-30एसएम/2 मल्टीफंक्शनल फाइटर जेट में R-77-1 मिसाइल तैनात करने की बात कही जा रही है ताकि मिसाइल के खतरे वाले इलाकों को बचाया जा सके. 


Source Agencies

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