यूक्रेन में मोदी बोले- भारत शांति के पक्ष में, जेलेंस्की ने कहा- ना हो बैलेंसिंग एक्ट – PM Modi said Ukraine India is in favour of peace Zelenskyy said there should be no balancing act ntc – MASHAHER

ISLAM GAMAL23 August 2024Last Update :
यूक्रेन में मोदी बोले- भारत शांति के पक्ष में, जेलेंस्की ने कहा- ना हो बैलेंसिंग एक्ट – PM Modi said Ukraine India is in favour of peace Zelenskyy said there should be no balancing act ntc – MASHAHER


1991 में सोवियत संघ टूटने के बाद यूक्रेन का गठन हुआ, तब से लेकर अब तक कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री वहां नहीं गया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने. इस दौरान उन्होंने युद्ध रुकवाने के लिए सक्रिय रोल निभाने का प्रस्ताव भी दिया. जेलेंस्की से दो टूक कहा कि वो युद्ध छोड़कर पुतिन के साथ बातचीत करें. दरअसल, यूक्रेन के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास मैरिंस्की पैलेस में शुक्रवार को पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात हुई. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध की विभीषिका से दुख होता है. युद्ध बच्चों के लिए विनाशकारी है. 

हालांकि पीएम मोदी से मुलाकात के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि हम चाहते हैं कि युद्ध समाप्त करने के लिए भारत हमारी तरफ आए, न कि कोई बैलेंसिंग कदम उठाए. उन्होंने कहा कि अगर भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा तो इससे रूसी युद्ध समाप्त हो जाएगा.

‘बिना समय गंवाए शांति की बात करें’

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब कीव पहुंचे तो सबकी नजरें इस बात पर थीं कि वो जेलेंस्की को क्या संदेश देते हैं? शांति के लिए कौन सा सुझाव देते हैं, जिससे दुनिया को राहत मिले, प्रधानमंत्री मोदी ने कीव में जो कुछ भी किया, जो कुछ कहा वो अब ग्लोबल हेडलाइन बन गया है. पीएम मोदी ने जिस तरह से जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखकर जंग खत्म करवाने का मानो भरोसा दिया, वो अब चर्चित तस्वीर बन गई है. दो टूक अंदाज में बात रखना प्रधानमंत्री का अंदाज है, इसीलिए रूस-यूक्रेन युद्ध के ढाई साल बाद जब पीएम मोदी कीव में जेलेंस्की के सामने बैठे तो बिना लाग लपेट उन्हें नसीहत दे डाली कि बिना समय गंवाए शांति की बात करें. उन्होंने कहा कि समाधान का रास्ता बातचीत से ही निकलता है, डायलॉग-डिप्लोमेसी से निकलता है. और हमें बिना समय गंवाए इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.

 

 

PM  मोदी ने जेलेंस्की को दिया मदद का भरोसा

जेलेंस्की से ये बात कहने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें इस मुसीबत से बाहर निकालने में मदद का भरोसा भी दिया. कीव पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत हुआ. आदर सत्कार की जो तस्वीर सामने आई, उसमें साफ तौर पर देखा गया कि प्रधानमंत्री मोदी का जेलेंस्की ने बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया. जेलेंस्की ने खुद हाथ बढ़ाकर पीएम मोदी का वेलकम किया और उन्हें गले लगाया. जेलेंस्की पहले हाथ मिलाते हैं और फिर पीएम मोदी को गले लगाते हैं. पीएम मोदी भी पीछे नहीं हटते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखकर मानो उन्हें जंग खत्म कराने का भरोसा देते दिखते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को याद दिलाया कि इसके लिए उन्हें शांति की टेबल पर पुतिन के सामने बैठना होगा. दोनों पक्षों के साथ बैठकर इस संकट की घड़ी से बाहर निकलने के लिए रास्ते तलाशने होंगे.

 

पिछले महीने रूस के दौरे पर थे पीएम मोदी

पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी का इसी तरह गर्मजोशी के साथ रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने स्वागत किया था. उनके साथ दोस्ताना माहौल में बातचीत की थी. तब प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को शांति के रास्ते पर चलने की वो बात कही थी, जिसे कहने की हिम्मत सिर्फ भारत ही कर सकता है. इसका खासतौर पर जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की के साथ किया. याद दिलाया कि कैसे उन्होंने पुतिन से डालकर शांति की बात कही थी.

पीएम मोदी ने जेलेंस्की को बताई पुतिन से हुई बातचीत

पीएम मोदी ने जेलेंस्की से कहा कि कुछ समय पहले मैं राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मीडिया के सामने आंख में आंख मिलाकर उनसे कहा था कि ये युद्ध का समय नहीं है. मैं पिछले दिनों रूस में मुलाकात के लिए गया था. वहां पर मैंने साफ-साफ अपनी बात कही है कि किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में कहीं भी नहीं होता है.

भारत लगातार शांति की अपील कर रहा

भारत लगातार रूस और यूक्रेन युद्ध को रोककर शांति की अपील कर रहा है. भारत लगातार इस मामले को जल्द से जल्द शांत करवाने का पक्षधर है. इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी की कीव यात्रा को दुनिया ध्यान से देख रही थी कि भारत क्या कहता है. लेकिन इससे भी बड़ी बात प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के आखिर में कही. उन्होंने जेलेंस्की को ऑफर दिया कि शांति की कोशिश में भारत सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार हैं. उन्होंने जेलेंस्की से कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि शांति के हर प्रयास में भारत अपनी सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है. व्यक्तिगत रूप से मैं भी अगर इसमें कोई योगदान दे सकता हूं तो मैं जरूर करना चाहूंगा, एक मित्र के रूप में आपको मैं ये विश्वास दिलाना चाहूंगा.

जेलेंस्की को दिया भारत आने का न्योता 

रूस और यूक्रेन युद्ध रुकवाने में भारत का रोल काफी अहम हो सकता है, इसकी सबसे बड़ी वजह भारत का तटस्थ रुख है. रूस हो या फिर यूक्रेन. दोनों पक्ष भारत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. ऐसा भरोसा न तो चीन को हासिल है और न ही अमेरिकी खेमे के किसी भी देश को हासिल है. प्रधानमंत्री मोदी भले ही कीव में कुछ ही घंटों के लिए रुके हों, लेकिन पिछले ढाई सालों में सबसे अहम दौरा साबित हो सकता है. क्योंकि शांति का जो ऑफर भारत ने जेलेंस्की को दिया है. वैसा विश्वनीय प्रस्ताव देने की स्थिति में इस वक्त दुनिया का कोई भी देश नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया, उन्होंने भारत के रोल की तारीफ करते हुए कहा कि वो भारत में शांति शिखर सम्मेलन के लिए तैयार हैं, लेकिन जेलेंस्की ने रूस से भारत के तेल खरीदने पर सवाल उठाया. आजतक के सवाल का जवाब देते हुए जेलेंस्की ने कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे, तो युद्ध रुक जाएगा. जेलेंस्की ने ये भी कहा कि भारत को तेल खरीदने के विकल्प पर विचार करना चाहिए.


Source Agencies

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Comments Rules :

Breaking News