चंपाई सोरेन का JMM से इस्तीफा, बोले- आदिवासियों की पहचान बचाने के लिए BJP में जा रहा – Champai Soren resigns from JMM, says in letter to Shibu Soren Party has lost its direction – MASHAHER

ISLAM GAMAL28 August 2024Last Update :
चंपाई सोरेन का JMM से इस्तीफा, बोले- आदिवासियों की पहचान बचाने के लिए BJP में जा रहा – Champai Soren resigns from JMM, says in letter to Shibu Soren Party has lost its direction – MASHAHER


झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. वह 30 अगस्त को बीजेपी में शामिल होंगे. झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को संबोधित एक पत्र में चंपाई सोरेन ने लिखा कि उन्हें हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि यह अपनी दिशा भटक गई है. 

चंपाई सोरेन ने कहा, ‘झामुमो मेरे लिए एक परिवार की तरह था और मैंने सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि मैं पार्टी छोड़ूगा. लेकिन पिछले कुछ दिनों में कुछ चीजें हुईं, जिससे मुझे बहुत दुख हुआ और मुझे यह कठिन कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. मैं झारखंड के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और आम लोगों के मुद्दों पर लड़ाई लड़ता रहूंगा.’ इससे पहले चंपाई सोरेन ने 27 अगस्त को घोषणा की कि वह संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासियों की पहचान बचाने के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के अलावा कोई अन्य राजनीतिक दल इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है, क्योंकि उन्हें केवल वोटों की परवाह है.

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वरिष्ठ आदिवासी नेता के करीबी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधानसभा की सदस्यता से भी अपने इस्तीफे की जानकारी दी. उन्होंने मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है और इसकी सूचना एक अन्य पत्र के जरिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेज दी गई है. चंपाई सोरेन ने पत्र में लिखा कि बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पवित्र भूमि संथाल परगना में आज बांग्लादेशी घुसपैठ एक बड़ी समस्या बन गयी है. हकीकत यह है कि ये घुसपैठिए उन वीरों के वंशजों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, जिन्होंने जल, जंगल और जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की. 

चंपाई सोरेन ने कहा, ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण फूल-झानो जैसी वीरांगनाओं को अपना आदर्श मानने वाली हमारी मां-बहनों और बेटियों की इज्जत खतरे में है. इस मुद्दे पर सिर्फ बीजेपी ही गंभीर नजर आ रही है और बाकी पार्टियां वोटों की खातिर इसे नजरअंदाज कर रही हैं. इसलिए आदिवासियों की अस्मिता और अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में मैंने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आस्था व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया है.’ बता दें कि लैंड स्कैम केस में इस साल 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किए जाने के बाद 67 वर्षीय चंपाई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे.

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झारखंड हाई कोर्ट से हेमंत सोरेन को जमानत मिलने के बाद चंपाई सोरेन ने 3 जुलाई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले उन्होंने 18 अगस्त को अपने X हैंडल से एक पोस्ट करके झारखंड मुक्ति मोर्चा से अलग होने की बात कही थी. चंपाई सोरेन ने आरोप लगाया था कि उन्हें हेमंत सोरेन की उपस्थिति में विधायक दल की बैठक में अपमानित किया गया था. उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उनके सभी कार्यक्रमों को रद्द करवा दिया गया और कहा गया कि इंडिया गठबंधन द्वारा 3 जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है, तब तक वह सीएम के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते. इसके बाद उन्हें लगा की पार्टी में उनका कोई महत्व नहीं रह गया है.




Source Agencies

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