Jammu and Kashmir Elections: वो 5 सीटें जहां कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस में होगी फ्रेंडली फाइट, दिग्गजों का होगा आमना-सामना – Jammu Kashmir Assembly Elections Friendly Fight On Five Seats NC Congress Alliance NTC – MASHAHER

ISLAM GAMAL28 August 2024Last Update :
Jammu and Kashmir Elections: वो 5 सीटें जहां कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस में होगी फ्रेंडली फाइट, दिग्गजों का होगा आमना-सामना – Jammu Kashmir Assembly Elections Friendly Fight On Five Seats NC Congress Alliance NTC – MASHAHER


जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन किया है. कांग्रेस जहां 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. इनके अलावा पांच सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी, जिनमें बनिहाल, डोडा, भद्रवाह, नगरोटा और सोपोर शामिल है. आइए जानते हैं, दोनों दलों के उन उम्मीदवारों के बारे में, जो इन सीटों पर आमने सामने होंगे.

बनिहाल

कांग्रेस ने बनिहाल सीट पर विकार रसूल वानी को टिकट दिया है. वह एक राजनीतिक दिग्गज हैं. उन्होंने 2014 और 2008 में कांग्रेस के टिकट पर दो बार यहां से जीत हासिल की थी. ​​उन्होंने 2022 से 2024 तक जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में काम किया. हालांकि, कांग्रेस ने हाल ही में उनकी जगह तारिक हमीद कर्रा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है.

यह भी पढ़ें: उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के गांदरबल से लड़ेंगे चुनाव, NC ने 32 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की जारी

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सज्जाद शाहीन को बनिहाल से मैदान में उतारा है. वह वर्तमान में रामबन के जिला अध्यक्ष हैं. उन्होंने 2014 और 2008 में दो बार बनिहाल सीट से चुनाव लड़ा था. दोनों ही मौकों पर उन्हें कांग्रेस के विकार रसूल वानी ने हराया था.

डोडा

डोडा सीट जम्मू में पड़ता है और यह एक मुस्लिम बहुल सीट है. परिसीमन के बाद डोडा विधानसभा सीट को दो सीटों में विभाजित किया गया है, अब, डोडा पश्चिम एक अलग सीट है. डोडा पश्चिम हिंदू बहुल है, जबकि डोडा सीट मुस्लिम बहुल है. 2014 के चुनाव में अविभाजित डोडा में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.

डोडा सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जहां खालिद नजीब सुहरवर्दी को टिकट दिया है तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस सीट से शेख रियाज को मैदान में उतारा है. 

खालिद नजीब सुहरवर्दी एक राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता मौलाना अताउल्लाह सुहरवर्दी भी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता थे, जिन्होंने 1996 के विधानसभा चुनावों में इस सीट से जीत हासिल की थी.

पिता के निधन के कारण 1997 में हुए उपचुनाव में डोडा विधानसभा सीट से चुने गए थे. फारूक अब्दुल्ला की सरकार में 2001 से 2002 तक गृह राज्य मंत्री रहे. साथ ही 2009 से 2015 तक एमएलसी के रूप में भी काम किया. डोडा विधानसभा सीट से एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखे जा रहे हैं.

शेख रियाज ने सरपंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. विकार रसूल वानी की अध्यक्षता में J&K कांग्रेस के महासचिव रहे. उनकी पत्नी जिला विकास परिषद की सदस्य हैं.

भद्रवाह

जम्मू की इस सीट पर जनसांख्यिकी संरचना देखें तो पता चलता है कि हिंदू और मुसलमानों की आबादी लगभग बराबर है. 2014 में बीजेपी ने यह सीट जीती थी. इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच फ्रेंडली फाइट देखने को मिलेगा.

भद्रवाह सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शेख महबूब इकबाल को टिकट दिया है. वह नौकरशाह से राजनेता बने हैं. जम्मू कश्मीर सरकार में आयुक्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए. कश्मीर संभाग के संभागीय आयुक्त और जम्मू कश्मीर के कई जिलों के उपायुक्त के रूप में कार्य कर चुके हैं. सेवानिवृत्ति के बाद पीडीपी में शामिल हो गए थे. 2014 के विधानसभा चुनाव में पीडीपी के टिकट पर भद्रवाह सीट से लड़े, लेकिन हार गए. बाद में वे NC में शामिल हो गए. अब वे NC के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

कांग्रेस ने नदीम शरीफ को उम्मीदवार बनाया है. वह एक युवा नेता हैं और गुलाम नबी आजाद के रिश्तेदार हैं. 2020 में जिला विकास परिषद चुनाव जीते थे. वर्तमान में वे डोडा जिला विकास परिषद के सदस्य हैं. उनके पिता मोहम्मद शरीफ इस क्षेत्र के एक राजनीतिक दिग्गज थे, जो भद्रवाह सीट से दो बार विधायक रहे. उनके पिता मोहम्मद शरीफ 1989 में फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली एनसी-कांग्रेस सरकार और 2002 में मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली पीडीपी-कांग्रेस सरकार के दौरान दो बार जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्री रह चुके हैं. नदीम के पिता मोहम्मद शरीफ गुलाम नबी आजाद के चचेरे भाई हैं.

यह भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर में ट‍िकट को लेकर मचा कोहराम, बीजेपी को उठाना पड़ेगा चुनाव में नुकसान? देखें दंगल श्वेता सिंह के साथ

नगरोटा

नगरोटा जम्मू जिले की हिंदू बहुल सीट है. 2014 में इस सीट पर देवेंद्र सिंह राणा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर जीत दर्ज की थी. राणा अब बीजेपी के साथ हैं और इस सीट से भगवा पार्टी के उम्मीदवार हैं.

नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच इस सीट पर फ्रेंडली फाइट होने वाला है. इस सीट पर 1 अक्टूबर को आखिरी चरण में मतदान होगा. एनसी और कांग्रेस ने अभी तक इस सीट से अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है.

सोपोर

कश्मीर सोपोर विधानसभा क्षेत्र में दोनों पार्टियों के बीच फ्रेंडली फाइट है. कांग्रेस के दो बार के विधायक अब्दुल रशीद डार का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के इरशाद कर से होगा, जो उत्तर कश्मीर के कद्दावर कांग्रेस नेता गुलाम रसूल कर के बेटे हैं. वह 90 के दशक में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. दोनों नेताओं का सोपोर में मजबूत जनाधार है, जो कभी आतंकवाद का गढ़ रहा है.

यही वजह है कि दोनों पार्टियां अड़ी हुई थीं और विधानसभा क्षेत्र के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के मामले में पीछे हटने या एक कदम भी पीछे हटने से इनकार कर रही थीं. दोनों पार्टी नेतृत्व इसे एक फ्रेंडली फाइट बता रहे हैं, लेकिन यह देखना मुश्किल है कि यह भावना उन प्रतियोगियों पर असर डाल रही है जो इसे अपनी पार्टियों की तरह फ्रेंडली नहीं मानते हैं.

दोनों तरफ से पहले से ही भयंकर प्रचार शुरू हो गया है. सूत्रों ने पुष्टि की है कि गठबंधन के लिए यह एकमात्र विकल्प बचा था, क्योंकि इन 5 सीटों पर एक सामान्य गठबंधन से दोनों खेमों में विद्रोह हो सकती थी.


Source Agencies

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Comments Rules :

Breaking News