बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी छात्रों ने जेल में लगाई आग, सैकड़ों कैदी छुड़ाए, सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध – Bangladesh Protesting students set fire jail hundreds prisoners freed public gatherings banned ntc – MASHAHER

ISLAM GAMAL19 July 2024Last Update :
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी छात्रों ने जेल में लगाई आग, सैकड़ों कैदी छुड़ाए, सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध – Bangladesh Protesting students set fire jail hundreds prisoners freed public gatherings banned ntc – MASHAHER


बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन हिंसक हो गया है. स्टूडेंट्स नौकरी में रिजर्वेशन खत्म करने की मांग कर रहे हैं. हिंसक प्रदर्शन में अभी तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदर्शनकारी छात्रों ने नरसिंगडी जिले की एक जेल की इमारत में आग लगा दी और सैकड़ों कैदियों को मुक्त करा दिया.

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक पुलिस ने बताया कि कैदी जेल से भाग गए और प्रदर्शनकारियों ने जेल में आग लगा दी. पुलिसकर्मी ने कहा कि मुझे कैदियों की संख्या नहीं पता, लेकिन यह सैकड़ों में होगी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जेल से भागने की खबर की पुष्टि की, लेकिन आगे कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी.

ढाका पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन रोकने के उद्देश्य से सभी सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है. पुलिस प्रमुख हबीबुर रहमान ने कहा कि हमने आज ढाका में सभी रैलियों, जुलूसों और सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने कहा कि यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था.

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारा विरोध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि वे शेख हसीना के तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदर्शन के दौरान हुई हत्याओं के लिए जिम्मेदार है. कुछ रिपोर्टों के अनुसार हिंसक प्रदर्शन में अब तक 64 लोगों की मौत हो गई है. 

बांग्लादेश की PM ने की शांति की अपील

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में सरकारी नेशनल टेलीविजन पर आकर देश को संबोधित किया था. उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील की थी, लेकिन इसके बाद प्रदर्शनकारी और ज्यादा आक्रोशित हो गए. उन्होंने सरकारी टेलीविजन के दफ्तर पर अटैक कर उसे फूंक दिया. जिस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकारी टेलीविजन के दफ्तर में आग लगाई, उसमें कई पत्रकारों के साथ करीब 1200 कर्मचारी मौजूद थे. पुलिस-प्रशासन ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें किसी तरह बचाया.

बांग्लादेश के इन शहरों में हुई हिंसा 

बांग्लादेश के ढाका, चटगांव, रंगपुर और कमिला समेत कई शहरों में लाठी और पत्थरों से लैस हजारों छात्रों की सशस्त्र पुलिस से हिंसक झड़प हुई. छात्रों के विरोध और उसके बाद आगजनी और पथराव से ढाका समेत देश के कई बड़े शहरों में जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इससे लोगों को परेशानी हो रही है. डेली स्टार के अनुसार छात्र 8 जिलों में प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों और रेल मार्गों को अवरुद्ध कर दिया है. ढाका, मैमनसिंह, खुलना और चटगाँव में अवरोध के कारण रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं हैं.

बांग्लादेश में क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन?

स्टूडेंट्स नौकरी में रिजर्वेशन खत्म करने की मांग कर रहे हैं. दरअसल, बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं. इनमें से 30 प्रतिशत 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए, 10 प्रतिशत पिछड़े प्रशासनिक जिलों के लिए, 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए, पांच प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए और एक प्रतिशत विकलांग लोगों के लिए आरक्षित हैं. आंदोलन स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को मिलने वाले 30 फीसदी आरक्षण के खिलाफ चलाया जा रहा है. बांग्लादेश में हर साल करीब 3 हजार सरकारी नौकरियां ही निकलती हैं, जिनके लिए करीब 4 लाख कैंडिडेट अप्लाई करते हैं.


Source Agencies

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