गुजरात में कुदरत की विनाशलीला, 18 जिलों में बाढ़ का तांडव, अब तक 35 की मौत… सैलाब में सड़कें-कारें और पुल बहे, हेलिकॉ़प्टर से रेस्क्यू – Gujarat heavy Rain Nature devastation floods wreaked havoc people dead roads cars and bridges swept away rescue by helicopter ntc – MASHAHER

ISLAM GAMAL30 August 2024Last Update :
गुजरात में कुदरत की विनाशलीला, 18 जिलों में बाढ़ का तांडव, अब तक 35 की मौत… सैलाब में सड़कें-कारें और पुल बहे, हेलिकॉ़प्टर से रेस्क्यू – Gujarat heavy Rain Nature devastation floods wreaked havoc people dead roads cars and bridges swept away rescue by helicopter ntc – MASHAHER


गुजरात में कुदरत का कोहराम जारी है. भारी बारिश के चलते पिछले 4 दिन से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. गुजरात के 18 ज़िलों में इस वक्त हालात खराब हैं या कहें कि लोग सैलाब का सामना कर रहे हैं. बारिश और बाढ़ से मरने वालों की संख्या 32 तक पहुंच गई है. सूबे के 33 ज़िलों में से 11 में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 22 ज़िलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी है. तबाही का आलम ये है कि गुजरात में सेना को उतारना पड़ गया है. राज्य के 939 स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे और दूसरी सड़कें ठप हैं. शहर-शहर सैलाब से मची तबाही का भयावह मंजर है. मौसम विभाग ने अगले 5 दिन तक भारी बारिश का हाई-अलर्ट जारी किया है. 

गुजरात में कुदरत का कहर ऐसा है कि कारें बह गईं, सड़कें बह गईं, पुल बह गए, बस अड्डा डूब गया. कॉलोनियां जलमग्न हैं. कच्छ से लेकर द्वारका तक, जामनगर से लेकर मोरबी तक, जूनागढ़ से लेकर राजकोट तक, खेड़ा से लेकर पोरबंदर तक, बोटाद से लेकर भावनगर तक… यानी गुजरात के 18 ज़िले भयावह हालात से जूझ रहे हैं.

रिहाइशी इलाकों में पहुंचे मगरमच्छ

एक तरफ बर्बादी की बारिश से त्राहिमाम मचा हुआ है, तो दूसरी तरफ वडोदरा में घरों के दरवाजों तक मगरमच्छ पहुंच गए. रिहाइशी इलाके में करीब 15 फुट का मगरमच्छ पहुंच गया. गनीमत रही कि घर के अंदर कोई नहीं था और वन विभाग की टीम ने वक्त रहते घर में घुसे मगरमच्छ को पकड़ लिया. प्रशासन का कहना है कि विश्वमित्र नदी में मगरमच्छ पाए जाते हैं. इसी वजह से मगरमच्छ घरों तक पहुंच गए. 

नदियों ने पार किया डेंजर लेवर 

गुजरात में हालात बद से बदतर हैं, राज्य में नदियां डेंजर लेवर को पार कर चुकी हैं और गांव के गांव सैलाब में डूबे हैं. महीसागर नदी के किनारे एक शख्स सैलाब के बीच कई घंटों तक फंसा रहा. आखिरकार एयरफोर्स के देवदूतों ने हेलिकॉप्टर से उसे रेस्क्यू किया. कई घंटे तक फंसे होने की वजह से शख्स की तबियत बिगड़ गई थी, लिहाजा रेस्क्यू के बाद उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया. 

बस स्टैंड डूबा, टोल प्लाजा जलमग्न

जामनगर में बाढ़ ने लोगों को घरों में हाउस अरेस्ट कर दिया. घर के अंदर और बाहर पानी हैं. जामनगर विधायक रिवाबा जडेजा बाढ़ प्रभावित इलाके में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए टीम के साथ पहुंची थीं. रेस्क्यू टीम ने सीढ़ियों और रस्सी के सहारे बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकला. जामनगर का सरकारी बस स्टैंड पानी में डूब गया है. सिर्फ बसों की छत नजर आ रही हैं, इतना ही नहीं, टोल प्लाजा भी जलमग्न हो चुका है. यही हाल राजकोट का भी है. 

जान बचाने के लिए छतों पर चढ़े लोग

उधर, वडोदरा के कुछ इलाकों में 10 से 12 फीट तक पानी भर गया है. जान बचाने के लिए लोग अपने घरों की छतों पर रेस्क्यू टीम का इंतजार करने के लिए मजबूर हैं. पोरबंदर और कल्याणपुर में हेलिकॉप्टर से लोगों को रेस्क्यू किया गया. बाढ़ के संकट के बीच गुजरात सरकार ने भारतीय सेना और वायुसेना से मदद की मांग की, जिसके बाद कई टुकड़ियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं.

41 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया

गुजरात के अलग-अलग हिस्सों से अब तक कुल 41,678 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से दूसरी जगह सुरक्षित पहुंचाया गया है, बीते 48 घंटे इंडियन कोस्ट गार्ड, नेवी, भारतीय सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ, एडीआरएफ की टीम ने 500 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया है. गुजरात में NDRF की 15, SDRF की 27 और सेना की 7 टीमें तैनात हैं. 

939 रास्ते बंद, लोग घरों में कैद, न बिजली न पानी

बाढ़ से छोटा उदयपुर का हाल भी बेहाल है. बाढ़ से 50 साल पुराना पुल बह गया. क्या मोरबी, क्या पाटन, क्या बनासकांठा, क्या महिसागर… जिले अलग-अलग हैं, लेकिन तबाही की तस्वीरें एक जैसी हैं. कहीं पुल का हिस्सा ढ़ह गया, कहीं सड़कें धंस गई हैं. कई इलाके पूरी तरह कट चुके हैं. अभी तक 5 नेशनल हाईवे, 2 NHAI, 66 स्टेट हाईवे, 92 अन्य सड़कें, 774 पंचायत सड़कें समेत कुल 939 रास्ते बंद हैं. यानी गुजरात में कुदरत का कहर अभी कितनी और तबाही मचाएगा कहना मुश्किल है. राहत और बचाव का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. पिछले 4 दिनों से गुजरात वालों की जान सैलाब में अटकी है. लोग घरों में कैद हैं. ना बिजली है. ना स्वच्छ पानी है. अब सेना के जवान देवदूत बनकर आए हैं, सेना के जवान रस्सी और बाल्टी की मदद से हर घर में पानी-खाना पहुंचा रहे हैं.

पीएम मोदी ने की सीएम भूपेंद्र पटेल से बात

पीएम मोदी ने गुजरात के इस आफतकाल को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फिर बात की है और केंद्र से पहुंची सहायता के बारे में भी जानकारी ली. बता दें कि वडोदरा शहर में विश्वामित्र नदी में आई बाढ़ से निचले इलाके पूरी तरह से डूब चुके हैं. लोग घरों की छतों पर आ गए हैं. NDRF, SDRF और सेना की तीन टुकड़ियों ने इलाके में बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन अभियान चलाया.

स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी का ऐलान

भयंकर बारिश और बाढ़ से गुजरात में जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है. राजकोट, आणंद, मोरबी, खेड़ा, वडोदरा और द्वारका में सेना को तैनात किया गया है. अहमदाबाद, राजकोट, बोटाद, आणंद, खेड़ा, महिसागर, कराच और मोरबी में प्राइमरी-सेकंडरी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है.

(रिपोर्ट- आजतक ब्यूरो)


Source Agencies

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